भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव को कम करने की दिशा में एक बड़ी और अहम पहल सामने आई है। दोनों देशों ने आपसी सहमति से तुरंत और पूर्ण संघर्ष विराम पर सहमति जताई है। यह जानकारी सबसे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दी, जिन्होंने दावा किया कि अमेरिका ने इस संघर्ष विराम में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह फैसला एक लंबी और गहन बातचीत के बाद लिया गया। उन्होंने दोनों देशों की समझदारी और सूझबूझ की तारीफ करते हुए कहा, “दोनों देशों ने सामान्य समझ और बड़ी बुद्धिमत्ता का परिचय दिया है। मैं उन्हें बधाई देता हूं।” उन्होंने आगे कहा कि इस फैसले से दक्षिण एशिया में स्थिरता और शांति को बढ़ावा मिलेगा।
भारत सरकार ने भी इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच यह संघर्ष विराम शनिवार शाम 5 बजे से प्रभावी हो गया है। इस घोषणा के बाद अब दोनों देशों की सेनाएं नियंत्रण रेखा (LoC) पर किसी प्रकार की आक्रामक कार्रवाई से बचेंगी और पहले से तय सीमा पर अमल करेंगी।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए एक बड़े आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। इस ऑपरेशन का मकसद सीमावर्ती इलाकों में आतंकवादियों की घुसपैठ रोकना और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना था।
सरकार के अनुसार, संघर्ष विराम से आम लोगों को राहत मिलेगी जो लंबे समय से सीमा पर हो रहे गोलीबारी और तनाव के कारण प्रभावित हो रहे थे। यह निर्णय न केवल सैनिकों के लिए बल्कि सीमावर्ती गांवों में रहने वाले नागरिकों के लिए भी एक बड़ी राहत लेकर आया है।
यह कदम इस बात की उम्मीद जगाता है कि दोनों देशों के बीच बातचीत और समझदारी से शांति स्थापित की जा सकती है। अगर इस फैसले को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ लागू किया गया, तो यह दक्षिण एशिया में स्थायी शांति की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
India and Pakistan have today worked out an understanding on stoppage of firing and military action.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 10, 2025
India has consistently maintained a firm and uncompromising stance against terrorism in all its forms and manifestations. It will continue to do so.

