सीईटी परीक्षा केंद्रों का सत्यापन शुरू, आयोग ने सभी जिलों को भेजा निर्देश

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कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) की तैयारियों को और मजबूत करने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने एक अहम कदम उठाया है। आयोग ने पूरे राज्य में बने परीक्षा केंद्रों की जांच और सत्यापन के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है। यह निर्णय हाल ही में हुई परीक्षाओं में आई गड़बड़ियों और सेंटर पर होने वाली अनियमितताओं को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।

अब राज्य के मुख्य सचिव की ओर से पुलिस प्रशासन और जिला अधिकारियों के सहयोग से सभी परीक्षा केंद्रों का भौतिक सत्यापन करवाया जाएगा। आयोग की योजना है कि इस रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि किस केंद्र को आगामी सीईटी परीक्षा के लिए उपयोग में लाया जाना है और किसे हटाया जाएगा।

इस समय हरियाणा में लगभग 2300 परीक्षा केंद्रों की सूची बनाई गई है जिनका फिजिकल वेरिफिकेशन होना है। इसमें केंद्र की भौगोलिक स्थिति, आसपास की सुरक्षा व्यवस्था, ट्रैफिक की स्थिति, आने-जाने की सुविधा, बैठने की क्षमता, बिजली-पानी की व्यवस्था और परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जैसे कई मानकों के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यह रिपोर्ट पुलिस विभाग और जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की जाएगी।

आयोग के सचिव हर्ष सिंह ने बताया कि राज्यभर के सभी डीसी, एसपी और जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देशित किया गया है कि वे 17 मई 2025 तक परीक्षा केंद्रों की सत्यापन रिपोर्ट आयोग को भेज दें। यह रिपोर्ट आयोग द्वारा लिए गए निर्णयों की नींव बनेगी। सत्यापन प्रक्रिया में जहां केंद्र उपयुक्त पाए जाएंगे, उन्हें आगामी सीईटी परीक्षा के लिए चयनित किया जाएगा। वहीं, जो केंद्र मानकों पर खरे नहीं उतरेंगे, उन्हें सूची से बाहर किया जाएगा।

आयोग का मानना है कि परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए यह कदम बहुत जरूरी है। परीक्षा केंद्रों में अक्सर होने वाली गड़बड़ियों और पेपर लीक जैसे मामलों को रोकने के लिए भौतिक जांच एक प्रभावी उपाय हो सकता है। पुलिस और प्रशासन की भूमिका इस प्रक्रिया में बेहद अहम मानी जा रही है।

इसके अलावा आयोग ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में कुछ नए परीक्षा केंद्र भी जोड़े जा सकते हैं, ताकि छात्रों को उनकी सुविधा के अनुसार केंद्र उपलब्ध कराए जा सकें। साथ ही, भीड़भाड़ और अव्यवस्था को कम करने के लिए छोटे और अस्थाई केंद्रों को हटाया भी जा सकता है।

यह पहल न केवल परीक्षा प्रक्रिया को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि छात्रों और उनके अभिभावकों का भरोसा भी बढ़ाएगी। आयोग का लक्ष्य है कि किसी भी कीमत पर परीक्षा में गड़बड़ी न हो और योग्य उम्मीदवारों को ही रोजगार के अवसर मिलें।

हरियाणा सरकार और आयोग द्वारा उठाया गया यह कदम परीक्षा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। राज्य के युवाओं के लिए यह एक अच्छा संदेश है कि सरकार उनकी मेहनत और ईमानदारी को सही प्लेटफॉर्म देने के लिए गंभीर है।

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